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दरअसल निगरानी की टीम ने 40 हजार की रिश्वत लेते दरोगा संतोष कुमार और उनके नजदीकी बिचौलिए एनुल हक को मंगलवार की सुबह गिरफ्तार किया था दोनों की गिरफ्तारी पूर्णिया सदर थाने के आगे मौजूद एक चाय की दुकान से हुई थी दरअसल अपहरण के एक मामले में आरोपित का नाम हटाने के लिए घुस ली जा रही थी।
निगरानी के डीएसपी संजय जयसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जून माह में सदर थाना में एक केस दर्ज हुआ था उस केस में आरोपित का नाम हटाने के लिए दरोगा संतोष कुमार और थाने में घंटों समय बिताने वाला और खुद को थाने का निजी चालक बताने वाला बिचौलिए एनुल हक उसके घर पहुंच रिश्वत की मांग करते थे इस संबंध में सुनीता देवी ने निगरानी में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद निगरानी टीम ने पूरे मामले का सत्यापन किया।
मामला सही पाए जाने पर मंगलवार की सुबह निगरानी के 11 सदस्य टीम पुलिस थाने के इर्द-गिर्द फैल गई थाने के आगे चाय की दुकान पर दरोगा को 30,000 और बिचौलियों को 10 हजार लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया, निगरानी की टीम ने रसायन लगा रुपया पीड़ित पक्ष को उपलब्ध कराया था।