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प्राप्त जानकारी के मुताबिक 200 से अधिक पक्के और 300 से अधिक कच्चे घरों को खाली कराया जाना है। लेकिन देर शाम तक पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। कोर्ट से स्टे ऑर्डर लाने तक का प्रशासन ने मोहलत दिया है। पूर्णिया नगर निगम के वार्ड नंबर-42 अब्दुल्ला नगर के आनंद नगर मोहल्ले में बने घरों को खाली कराने पुलिस बल के साथ ही बड़ी संख्या में सैफ के जवान पहुंचे थे। पुलिस की कार्रवाई को लेकर पीड़ित परिवारों का कहना है कि वे लोग पिछले 40 साल से आनंद नगर में रह रहे हैं। उन लोगों ने कटिहार के सच्चिदानंद साह से जमीन रजिस्ट्री कराई है। इस पर करीब 1 हजार से अधिक परिवारों का मकान बना हुआ है। उनकी जान भी चली जाए फिर भी वे अपना घर खाली नहीं करेंगे।
वही जमींदार अनिरुद्ध कुमार यादव का कहना है की ये उनकी पुश्तैनी जमीन है। 1964 से ही टाइटल चल रहा था। इसके बाद लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने इन घरों को खाली कराने का आदेश दिया है। इसी आदेश को लेकर आज वे प्रशासन के अधिकारी और पुलिस बल के साथ अवैध रूप से बने इन घरों को खाली कराने पहुंचे है। सदर एसडीएम राकेश रमन ने कहा कि करीब 23 एकड़ जमीन पर दखल दिलाने के लिए कोर्ट से आदेश आया है। जमीन नापी की प्रक्रिया पूरी कर लिए जाने के बाद जमीन पर बने कच्चे और पक्के घरों को खाली कराया जा रहा। पक्के और कच्चे घरों को जेसीबी से तोड़कर खाली कराया जा रहा है। लोगों को कहा गया है कि वे कोर्ट में जाकर अपना पक्ष दें और वहां से स्टे ऑर्डर लाए। सदर एसडीपीओ पुष्कर ने कहा कि 400 से अधिक पुलिस फोर्स घरों को खाली कराने पहुंची है। तनाव की स्थिति को देखते हुए इलाके को छावनी में बदल दिया गया है। पीड़ित परिवारों ने कहा कि वे लोग यहां करीब 40 साल से रह रहे हैं। अगर वे अवैध रूप से रह रहे थे तो 200 से अधिक परिवारों को घर बनाने के लिए इंदिरा आवास योजना की राशि क्यों दी गई, वे अपनी जान दे देंगे लेकिन घर खली नहीं करेंगे।