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दरअसल गुरुवार की रात पटना मार्केट के पास एक मकान में किसी के हथियार लेकर होने की सूचना के बाद पुलिस वहां गई थी इसी बीच अशोक राजपथ पर पुलिस ने दो लोगों को शक के आधार पर पकड़ा जिससे छुड़ाने की लोगो ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था इसी को लेकर स्थानीय दुकानदार सरफराज को गिरफ्तार किया गया था।
सरफराज के पकड़े जाने की सूचना पर वार्ड पार्षद पीरबहोर थाना पहुंचे जहां उस वक्त डीएसपी अशोक कुमार और थानेदार सबीह उल हक मौजूद थे, कुछ देर बाद वार्ड पार्षद वहां से चले गए और सरफराज की बेटी और अन्य लोगों को लेकर लौटे इसके बाद उन्होंने डीएसपी और थानेदार को वर्दी उतरवा देने की धमकी दी चर्चा है कि उनके एक अधिकारी के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की भी हुई जिसमें अधिकारी का कपड़ा फट गया।
जब थाने से पूर्व एमएलसी बाहर निकले तो उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा कि अंदर बस गपशप हो रहा था बेटे पर एफआईआर के सवाल पर कहा कि आरोप तो लगते रहता है एफआईआर हुआ है ठीक है, वही टाउन डीएसपी अशोक सिंह ने बताया कि सरफराज को पूछताछ के लिए लाया गया था असफर पहुंचे तो कहा गया कि जांच करके छोड़ देंगे पर पुलिस से उलझ गए, उनके पिता पूर्व एमएलसी अनवर अहमद भी पहुंचे थे जो जोर-जोर से हल्ला कर रहे थे 5000 लोगों को इकट्ठा कर इस मामले को दूसरा रंग देने की धमकी दे रहे थे फिर भी जांच के बाद उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया है।
डीएसपी ने बताया कि पार्षदों दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया है दोनों पर सरकारी काम में बाधा डालने और दंगा फैलाने की धमकी देने, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की आदि धाराओं का केस दर्ज किया गया है, वही असफर और दुकानदार सरफराज के गिरफ्तार होने के बाद सैकड़ों लोग पीरबहोर थाने के सामने सड़क पर उतर गए लोगों के तेवर को देखते हुए थाने के मेन गेट को बंद करना पड़ा जिसके बाद वहां 4 थानों की पुलिस भी पहुंची, जिसके बाद सड़क जाम कर रहे लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे जिसे देखकर आसपास की दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे।