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इसी दौरान पायनौल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निर्देशक निशांत कुमार से पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर इस कंपनी को चला रहे हैं। जब कंपनी से संबंधित दस्तावेज की मांग किया गया तो किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया और ना ही प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद पायनौल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ऑफिस में कार्य कर रहे सभी कर्मियों की तलाशी ली गई तो 3 लैपटॉप एवं 33 मोबाइल फोन बरामद हुए। इन सभी कर्मियों के मोबाइल में लगे नंबरों का जांच किया गया तो नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल से पूरे भारत में करीब 20 मोबाइल नंबर से 36 साइबर ठगी की शिकायत दर्ज है। साथ ही इन नंबरों से एईपीएस एवं अन्य योजनाओं का लाभ व लाइसेंस देने के नाम पर भी ठगी की गई।
पूछताछ में कर्मियों ने बताया कि यह मोबाइल नंबर कंपनी के द्वारा दिया गया है। इस संबंध में कंपनी के निर्देशक निशांत कुमार एवं मोहित कुमार से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि यह अपने कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को लोन दिलाने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ देने के नाम पर अपने कर्मियों से साइबर ठगी का काम करवाते है।
जब पायनौल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का खाता का जांच कराया गया तो पता चला कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर इस खाता पर दो शिकायत पूर्व से दर्ज है। जांच के क्रम में कंपनी के 36 युवक व युवतियां को गिरफ्तार किया गया। इन सभी ने बताया कि कंपनी के द्वारा एईपीएस सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाया जाता था। हमलोगों की कोई गलती नहीं है। हमलोग तो यहां काम करने वाले स्टाफ है।