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अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन खुद मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की बारीकी से जांच शुरू की। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली दवाइयों की आपूर्ति किन दवा दुकानों या स्थानों पर की जा रही थी। ब्रांड प्रोटेक्शन टीम का कहना है कि यह नेटवर्क जिले के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय हो सकता है। इसलिए संभावित ठिकानों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।