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पूछताछ में दोनों ने साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है। जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि दोनों साइबर अपराधी बेरोजगारों से दो प्रतिशत कम दर पर ऋण दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। बताया कि 12 जनवरी को प्रतिबिंब पोर्टल पर आए साइबर ठगी की नबंरों की जांच में दोनों के मोबाइल नंबर का लोकेशन देखा गया। दोनों का लोकेशन दाउदनगर पाया गया, जिसके बाद छापेमारी करते हुए रविवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। वही दोनों के पास से पुलिस ने 5 मोबाइल जब्त किया है। दोनों साइबर अपराधियों ने बताया कि साइबर ठगों के संगठित गिरोह का वे संचालन करते हैं।
उनके द्वारा दो प्रतिशत कम दर पर ऋण दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से आनलाइन ठगी किया जाता था। दोनों बैंगलुरू में रहते थे। दोनों फर्राटेदार कन्नड़ भाषा बोलते हैं। टाटा कैपिटल और धनी फाइनेंस का कर्मी बताकर ग्राहकों को ठगी का शिकार बनाते थे। कर्नाटक राज्य का फर्जी तरीके से मोबाइल सिम प्राप्त कर वहां के लोगों से भी ठगी का करते थे। ग्राहकों से प्रोसेसिंग के नाम पर भी आनलाइन ठगी करते और फर्जी बैंक एकाउंट में राशि का स्थानांतरण करते थे। वही ठगी की घटना को अंजाम देने के बाद सिम को ब्लाक कर देते थे। साइबर डीएसपी ने बताया कि दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।