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इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश है इनका कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि इस नाले की खुदाई मनरेगा विभाग द्वारा कराई गई है या किसी निजी व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कराई गई है मगर चुपके से रात के अंधेरे में नाले की खुदाई कराना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है, जिस तरह से नाले की खुदाई की गई है उसे देखते हुए यह है कि यह बात तो तय है कि यदि उस लेवल में नाले का पुनः निर्माण करवा दिया जाए तो बस्ती से निकलने वाला पानी नाले तक तो पहुंच जाएगा लेकिन खेतों तक नहीं चढ़ पाएगा, जिससे खेतों का पटवन नहीं हो सकेगा।
इससे संबंधित किसानों ने शनिवार को मनरेगा कार्यालय पहुंचकर इस समस्या से मनरेगा पदाधिकारी को अवगत कराने की कोशिश की लेकिन वह उपस्थित नहीं थे, इस संबंध में भगवानपुर प्रखंड सीओ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में जानकारी उन्हें नहीं है, वहीं मनरेगा विभाग के बीएफटी बुच्चन तिवारी ने बताया कि मनरेगा विभाग से इस तरह का कोई काम नहीं किया जा रहा है।