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दोनों ने अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए एक जरूरी रास्ता राजनीति को समझा, लेकिन एक ऐसा समय आया था जब आनंद मोहन ने पप्पू यादव से व्यक्तिगत दुश्मनी बुलाकर उनकी जान बचाई थी उस वक्त सहरसा से पटना आते समय पप्पू यादव की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था और भीड़ ने उनको घेर लिया था जिसकी जानकारी जैसे ही आनंद मोहन को लगी वह तुरंत वहां पहुंचे और पप्पू यादव को गाड़ी से निकलवा कर हॉस्पिटल पहुंचाया।
आनंद मोहन पहली बार सहरसा से विधायक बने थे और उन्हें डीएम की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हुई है उनकी पत्नी लवली आनंद की राजनीति में एंट्री के बाद लगातार अपने पति की बेगुनाही की लड़ाई लड़ रही है आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद 1994 वैशाली से सांसद बने वही उनके पुत्र चेतन भगत आनंद आरजेडी से विधायक हैं, भाई पप्पू यादव को कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक अजित सरकार की हत्या के आरोपी उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन भी अभी राज्यसभा सदस्य हैं।
दोनों नेता अपनी अपनी दबंगई के लिए चर्चित रहे और उन्होंने अपनी-अपनी अलग-अलग पार्टिया बनाई आनंद मोहन ने बिहार पीपुल्स पार्टी और पप्पू यादव ने जन अधिकार पार्टी दोनों ने ही लोकसभा का चुनाव जीता और सांसद हुए, पुत्री सुरभि के इंगेजमेंट में पहुंचे पप्पू यादव आनंद मोहन से गले मिले एक दूसरे को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाले जब एक दूसरे से गले मिले तो सारी दुश्मनी इस मौके पर खुशी में बदल गई।