Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

- पारिवारिक विवाद में चचेरे भाई ने बहन को मारी गोली, मौत
- पंचायती के दौरान युवक को मारी गोली, जाँच में जुटी पुलिस
15 सितंबर 2005 की पटना वाली ब्लास्ट घटना में पटना के खुसरूपुर के मियां टोली में हकीम मियां के घर बड़ा ब्लास्ट हुआ था पुलिस की थ्योरी में घटना पटाखे अवैध फैक्ट्री में विस्फोट बताई गई थी लेकिन 11 साल बाद उसका आतंक कनेक्शन जुड़ा, श्रमजीवी एक्सप्रेस को उड़ाने के लिए आतंकियों ने मियां के घर में विस्फोटक बनाया था और बाद में उसे उड़ा दिया गया था, जौनपुर में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट कांड में कोर्ट में फांसी की सजा पाने वाले आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर के बयान से यह खुलासा हुआ था।
उस वक्त के तत्कालीन डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा ने विस्फोट को दुर्घटना बताया था इस घटना के पीछे डीजीपी ने आतंकियों, उग्रवादी घटना से इनकार किया था, राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण मौके पहुंचे जदयू नेता नीतीश कुमार ने तब घटना को लेकर प्रशासन से काफी तल्ख सवाल पूछे थे, घटना के 11 साल बाद जब मुख्य आरोपित के बयान से आतंकी कनेक्शन जुड़ा तो पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा ने जांच का विषय बताया, सीआरपीसी के तहत यह प्रावधान है कि किसी पुराने मामले में नया तथ्य आने पर पुलिस कोर्ट से आदेश लेकर फिर से जांच कर सकती है हालांकि समय के साथ 2022 में मामला पूरी तरह से ठंडा पड़ गया है।
- आभूषण दुकान से 12 लाख के गहने ले भागे चोर, जाँच में जुटी पुलिस
- कलश विसर्जन के दौरान हुआ बड़ा हादसा, 2 की मौत कई जख्मी
28 जुलाई 2005 को राजगीर से दिल्ली जाने की श्रमजीवी एक्सप्रेस के जनरल बोगी में यूपी के हरपालगंज स्टेशन के पास आतंकियों ने ब्लास्ट करने के कुछ समय बाद ही हकीम मियां के घर को भी उड़ा दिया था जिसमें बम बनाये गए थे श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट में आरडीएक्स के इस्तेमाल की बात आई थी, बिहार के पुराने अधिकारी कहना है कि खुसरूपुर के मियां टोली में अवैध पटाखा फैक्ट्री हुए विस्फोट के बाद आसपास का इलाका दहल उठा था हकीम मियां के घर व पटाखा फैक्ट्री के आसपास के कई मकान भागलपुर की तरह ही मलबे में तब्दील हो गए थे धमाका इतना तेज था कि 1 किलोमीटर इसकी आवाज सुनी गई थी।
- कैमूर: दिनदहाड़े युवक की गोली मारकर हत्या, आक्रोशित लोगों ने एकता चौक को किया घंटों जाम, भारी पुलिस बल तैनात
- कैमूर में फर्जी अंकपत्र से नौकरी करने वाले शिक्षामित्र को 3 साल की सजा
इस घटना में 27 लोगों की मौत हुई थी जबकि 50 लोग घायल हुए थे, घटना को लेकर पहले से ही विस्फोटकों के बीच आरडीएक्स होने की आशंका जताई जा रही थी क्योंकि श्रमजीवी ब्लास्ट में भी आतंकियों ने आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल का मिश्रण व अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था, उस समय मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि घटना में राज्य के तीन प्रमुख पुलों राजेंद्र सेतु, गांधी सेतु व कोईलवर पुल का नक्शा भी मिला था आशंका पुल उड़ाने को लेकर विस्फोटक जमा किए जाने की थी यही कारण है कि पुरानी घटना से सबक लेकर पुलिस भागलपुर ब्लास्ट को हर एंगल से खंगालने की कोशिश कर रही है क्योंकि भागलपुर की घटना पटना की तरह ही है, इस कारण पुलिस बम ब्लास्ट के एंगल से जांच रही है।
- रेल पुलिस ने 2 किलोग्राम सोने के साथ एक तस्कर को किया गिरफ्तार
- बस से बच्चो को लेकर विद्यालय जा रहे चालक को अपराधियों ने मार गोली, रेफर