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सीबीआई की किसी अधिकारी ने उससे संपर्क नहीं किया और उसे मृत घोषित करते हुए कोर्ट में प्रतिवेदन दाखिल कर दिया विशेष कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगा है, विशेष कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए 20 जून को अगली तारीख तय की है बदामी देवी की पहुंचते ही वहां मौजूद सीबीआई के विशिष्ट लोक अभियोजक व अन्य अधिकारी के होश उड़ गए जिसे मृत घोषित कर दिया गया था वह कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने पहुंच गई।
सीबीआई ने पत्रकार राजदेव हत्याकांड में गवाही देने के लिए बदामी देवी और सिवान के लक्ष्मीपुर निवासी सकलदेव को विशेष कोर्ट का समन जारी कराया था पिछले 25 मई को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से विशेष कोर्ट में एक प्रतिवेदन दाखिल किया गया जिसमें बताया गया कि बदामी देवी की मौत हो चुकी है और सकलदेव की जनवरी 2021 में गवाही हो चुकी है, इसलिए गवाही से दोनों के नाम वापस लेने की बात कहते हुए समन कोर्ट को लौटा दिया।
बदामी देवी पत्रकार राजदेव हत्याकांड की मुख्य राजदार है बदामी देवी के मकान को किराएदार वीरेंद्र पांडे से खाली कराने की सौदेबाजी में ही इस हत्याकांड में उसके रिश्तेदार विजय कुमार गुप्ता और अन्य शामिल हुए थे, सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में अजहरुद्दीन बेग और लड्डन मियां को मास्टरमाइंड बताया था उसी ने यह सौदेबाजी विजय व अन्य से की थी, विजय और अन्य आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
बता दे कि 13 मई 2016 की शाम सिवान रेलवे स्टेशन के निकट पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उनकी पत्नी आशा रंजन ने सिवान नगर थाना में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी, शुरू में इस कांड की जांच पुलिस कर रही थी बाद में यहां सीबीआई को सौंप दिया गया, सीबीआई ने सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपियों के विरुद्ध मुजफ्फरपुर के विशेष सीबीआई कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था इस मामले में पुनीत कुमार गर्ग के विशेष कोर्ट में सत्र-विचारण चल रहा है सीबीआई की ओर से गवाह पेश किए जा रहे हैं अब तक सीबीआई की ओर से 32 गवाहों को विशेष कोर्ट में पेश किया जा चुका है।
सत्र विचारण के दौरान पिछले वर्ष तिहाड़ जेल में बंद सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत कोरोना संक्रमण से दिल्ली के अस्पताल में हो गई, इस कांड के मुख्य आरोपित अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां न्यायिक हिरासत में भागलपुर विशेष कारा में अन्य पांच आरोपी मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद है, वही एक आरोपित को विशेष कोर्ट ने किशोर घोषित कर उसके मामले को किशोर न्याय परिषद को सौंप दिया है किशोर न्याय परिषद ने मामले की गंभीरता उसकी उम्र 16 से अधिक होने के कारण उसके मामले की सुनवाई विशेष बाल न्यायालय को सौंप दी है उसके विरूद्ध आरोप तय हो चुका है और सत्र विचारण शुरू हो गया है।