Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
पीड़ित युवकों में नेपाल के कई जिलों के लोग शामिल हैं। युवकों ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर नौकरी का विज्ञापन मिला था। विज्ञापन में दिए गए नंबर पर बात करने के बाद उन्हें कंपनी के ऑफिस बुलाया गया। यहाँ रजिस्ट्रेशन के नाम पर 12,000 रुपये लिए गए और फिर अलग-अलग काम के लिए ट्रेनिंग दी गई। उसके बाद कागजात और नौकरी पक्का करने के नाम पर 25-25 हजार रुपये वसूले गए। इतना ही नहीं, ज्वाइनिंग से पहले दो-दो लाख रुपये जमा कराने की भी मांग की गई। जब ट्रेनिंग लेने के बाद युवकों ने नौकरी के बारे में पूछा, तो कंपनी के लोग उल्टा उन पर भड़क गए और उन्हें ऑफिस से भगा दिया। इसके बाद नेपाल निवासी रंजीत कापड़ ने अहियापुर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत छापेमारी की और कंपनी में काम कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पीड़ितों का आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल के मकान मालिक भी इस ठगी में शामिल थे और कई बार वे ही पूरे पैसे का लेनदेन संभालते थे। सीटी एसपी कोटा किरण कुमार ने बताया कि फर्जी जॉब ऑफिस चलाकर युवकों से पैसे ठगने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ भी की गई और आगे की जांच जारी है। मकान मालिक की तलाश में छापेमारी की जा रही है। जिस मकान में कंपनी चल रही थी, उसे मजिस्ट्रेट की निगरानी में सील कर दिया गया है।



