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बताया जा रहा है कि अवैध तरीके से संचालित क्लीनिक में गुरुवार की रात पैर की हड्डी का ऑपरेशन करने के दौरान काशीनाथ सिंह की मौत हो गई जिले में कई ऐसे क्लीनिक है जो अवैध तरीके से चल रहे हैं मौत के बाद चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार सिंह, स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल कुमार राय सहित कई स्वास्थ्य विभाग की टीम अवैध क्लिनिक पहुंची और जांच पड़ताल की।
चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कुछ ही दूरी पर चल रहे अवैध तरीके से अस्पताल संचालक को सभी कागजातों की जांच की जमा कराने के लिए नोटिस भेजा गया था लेकिन संचालक ने अब तक कोई कागजात जमा नहीं किया था भगवानपुर प्रखंड में एक भी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
अवैध तरीके से संचालित क्लीनिक मरीजों के जीवन के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं अवैध अस्पताल में मरीज की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने कई तरह के सवाल खड़े किए कुछ लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग पहले से तत्परता दिखाता तो व्यक्ति की मौत नहीं होती स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से जिले के अलावा कई गांव की गलियारों में अवैध तरीके से अस्पताल चलाने वाले दिन-रात फल-फूल रहे हैं कुछ झोलाछाप चिकित्सक अपने घर में दवा लाकर मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
काशीनाथ सिंह की मृत्यु के बाद परिजनों की ओर से अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं दर्ज कराई गई है क्लीनिक में तीन और मरीज भर्ती थे जिन्हें अपने स्वजन को बुलाकर दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए कहा गया है वहीं सूत्रों के अनुसार अस्पताल संचालक और मृतक के परिवार ने आपस में समझौता कर लिया है।