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वही इस मामले में 2 आइएएस अधिकारियों की संलिप्तता की जांच अब भी जारी है। यह दो अधिकारी है तत्कालीन जिलाधिकारी आरएसबी सिंह और वरिष्ठ अधिकारी के सेंथिल कुमार। मामले के सम्बन्ध में निगरानी ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक किशनगंज में कुल 1999 के विज्ञापन के आधार पर 2006 में चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की बहाली की गई थी। इस बहाली में कर्मचारियों की परीक्षा कॉपी में काफी छेड़छाड़ की गई थी। गड़बड़ी की सूचना के बाद सरकार के स्तर पर इसकी जांच शुरू की गई।
दरसल इस मामले में जिले के तत्कालीन उप समाहर्ता (जिला स्थापना शाखा) व्यास मुनि भी आरोपी हैं। इनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति अभी तक नहीं मिला है। पटना हाई कोर्ट के आदेश पर निगरानी ब्यूरो ने 2019 में केस संख्या-52 दर्ज किया था। लगातार चली जांच के बाद तत्कालीन हेड क्लर्क जिला स्थापना किशनगंज सदानंद शर्मा एवं 53 चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के खिलाफ निगरानी ब्यूरो ने आरोप पत्र 19/2024 दाखिल कर दिया है। निगरानी ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। जिसके बाद अब इस में आरोप पत्र समर्पित किया गया है।