Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में नाग पंचमी को लेकर लोगों में विशेष उत्साह रहा, सभी घरों में मीठे पकवान बने तो कई घरों में नाग पंचमी के अवसर पर नाग देवता को दूध और लावा चढ़ाकर पूजा-अर्चना की गई है।
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वही नगर पंचायत हाटा के गवई मुहल्ले में बजरंगबली के मंदिर के समीप स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा दंगल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया, जिसमें 20 पहलवानों के द्वारा हिस्सा लिया गया है, दंगल प्रतियोगिता के आयोजक रामबली चौहान के द्वारा बताया गया इस वर्ष दंगल प्रतियोगिता में नव युवकों को मौका दिया गया है।
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सभी 18 से 20 वर्ष के पहलवानों ने हिस्सा लिया है विजेता पहलवानों को अंग वस्त्र एवं नगद रुपए देकर सम्मानित किया जा रहा है।
वही सावन माह में नाग पंचमी की तिथि को झूला झूलने की परंपरा भी कायम रही, ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में छोटे बच्चे एवं बड़े झूला झूलते नजर आए।
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चली आ रही परंपरा के बीच लोगों में यह मान्यता है कि जिस दिन ब्रह्मा जी ने नागों को रक्षा का उपाय बताया था, वह तिथि पंचमी थी, आस्तिक मुनि ने सावन की पंचमी तिथि को ही नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था और उनके ऊपर दूध डालकर जलते हुए शरीर को शीतलता प्रदान किया था, उस समय नागों ने आस्तिक मुनि से कहा था कि पंचमी की तिथि को जो भी मेरी पूजा करेगा उसे नागदंश का भय नहीं रहेगा, तभी से यह परंपरा चली आ रही है, इन सभी में मुख्य बात यह है कि जिन घरों में पुरखों से नाग देवता की पूजा होती आई है, उन्हीं घरों में नाग देवता की पूजा होती है, अन्यथा सभी घरों में नाग पूजा होने की परंपरा नहीं है।
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