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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बिना अनुमति नसबंदी के मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन हुआ है जिसमें डॉ आर के चौधरी डीआईओ, डॉ अरविंद कुमार एवं डॉ संजय कुमार का नाम शामिल है, मामले को लेकर गुरुवार 3 सदस्यिय टीम चैनपुर सीएचसी पहुंची जिनके द्वारा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाकर बारी-बारी से विधिवत जानकारी ली गई, जिस में मंगलवार की रात 14 महिला एवं एक पुरुष नसबंदी की बात बताई गई है, इसके साथ ही नसबंदी के लिए सहमति पत्र पर किए गए हस्ताक्षर आदि की भी जांच हुई है।
ज्ञात हो कि मंगलवार की रात ग्राम जगरिया के निवासी मनका का यादव पिता रामदीन यादव का नसबंदी हुआ था, महिला बंध्याकरण एवं नसबंदी का कार्य पूर्व चैनपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राज नारायण प्रसाद के द्वारा किया गया, युवक की नसबंदी के उपरांत जैसे ही इस बात की जानकारी युवक के परिजनों को हुई उस दौरान परिजनों के द्वारा हंगामा किया जाने लगा, परिजनों का कहना था कि बिना अनुमति युवक की नसबंदी क्यों की गई जबकि युवक के एक भी बच्चे नहीं है, युवक अपना जीवन यापन किसके सहारे करेगा, युवक के पिता के मुताबिक युवक ज्यादा पढ़ा लिखा हुआ नहीं है, जगरिया के आशा के द्वारा हैड्रोसिल के ऑपरेशन के नाम पर चैनपुर सीएचसी लाया गया था, जहां धोखे में रखकर युवक की नसबंदी कर दी गई।
वहीं इस मामले से संबंधित चैनपुर सीएचसी के कर्मियों का कहना है कि नसबंदी के लिए सहमति पत्र पर युवक के द्वारा हस्ताक्षर किया गया है, जबकि इस मामले में चैनपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार द्वारा मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की बात कही थी, हालांकि इस पूरे मामले में फिलहाल कोई भी स्वस्थ्य कर्मी खुलकर बात करने के लिए तैयार नहीं है मगर मामले में जांच शुरू हो गई है, अब देखना यह है कि जांच में क्या सामने आता है।