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जहां इन मजदूरों से एक दिन में 16 से 18 घंटे मजदूरी करवाया जाता था। साथ ही न इन्हे घर वापस आने दिया जाता था ना तो मजदूरी दी जाती थी। घर वापसी का गुहार लगाने पर जमकर मारपीट की जाती थी। मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की टीम ने मजदूरो के परिवार का सहयोग कर सीतामढ़ी पुलिस से मजदूरों को मुक्त करवाने का अनुरोध किया। जिसके बाद मजदूरों के परिवार की शिकायत पर भिट्ठा थाना एवं महिला थाना में बिगन एवं जिनिश राय के विरुद्ध FIR दर्ज हुई। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत कर नाबालिग बच्चो को मुक्त करवाने का अनुरोध किया गया।
आयोग के द्वारा मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए एसएसपी, कपूरथला ( पंजाब) को शीघ्र बच्चो को मुक्त करवाने हेतु पत्र भेजा गया। जिसके बाद सीतामढ़ी पुलिस टीम ने एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन एवं पंजाब पुलिस के संयुक्त सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 नाबालिग एवं 19 वयस्क कुल 30 मजदूरों को आलू फॉर्म से मुक्त करवाया गया। मुक्त मजदूरों में 22 सीतामढ़ी जिला एवं 8 नेपाल के मजदूर शामिल है। मुक्त होने के बाद मजदूरों एवं उनके परिवार में खुशी का माहौल है।