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दरअसल मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है, सरपंच पति ने पंचायत करने के बाद लड़की को फरमान सुनाया कि वह प्रेमी साथ नहीं रहेगी, सरपंच पति ने प्रेमी के साथ जाने वाली लड़की को ना केवल लड़के को छोड़ देने का फरमान जारी किया बल्कि उस लड़के के साथ कोई संबंध नहीं है यह लिखकर देने को भी कहा, जबकि लड़की उस लड़के के साथ रहने की जिद कर रही थी, जिसके बाद एग्रीमेंट पर साइन नहीं करने के बाद लड़की की सरपंच पति ने भरे पंचायत में पिटाई कर दी, वही प्रेमी और लड़की के परिवार वालों द्वारा भी सरपंच की धुलाई कर दी गई।
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इस दौरान पंचायत के न्याय मित्र भी लड़की पर साइन करने के लिए दबाव बनाए थे, बताया जा रहा है कि घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने सरपंच पति सुरेंद्र चौधरी को बुलाकर उनकी भी जमकर धुनाई कर दी, जिसके बाद सरपंच पति सुरेंद्र चौधरी ने कृत्यानंद नगर थाने में मामला दर्ज कराया।
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इस मामले में सरपंच पति का कहना है कि जिन्होंने वीडियो बनाया है, वही लड़की को भगाने के आरोपी है लड़की के परिवार वालों के कहने पर ही उन्होंने बेटी समझ कर उन्हें दो थप्पड़ मारा था, लेकिन लोगों ने उसके साथ विश्वासघात किया इधर पीड़िता ने भी सरपंच के खिलाफ एसटी-एससी मामले में मुकदमा दर्ज कराया है, अभी तक उसकी पत्नी ने विधिवत पद ग्रहण भी नहीं किया, पत्नी के पद का दुरुपयोग करके तालिबानी फैसला सुनाने के इस घटना के बाद सरपंच पति की हर जगह निंदा हो रही है।