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इसकी सूचना अपने मायके में छठ कर रही अनूप की मां मंजू देवी को मिली उससे पहले ही मंजू अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दें चुकी थी। इसके बाद उन्होंने किसी तरह रात बिताई और छठ पूजा छोड़कर भोर में चैनपुर के परसियां से रामगढ़ के पचंगाईं आने की योजना बनाई। मंजू अपने पुत्र अनूप को लेकर अपने भाई मनोहर बिंद के साथ बाइक पर सवार होकर रामगढ़ आ रही थी। बाइक मनोहर चल रहा था। अर्थी में शामिल होने के लिए जल्दी पंहुचने के कारण तेज गति से बाइक चला रहा था। मोहनिया- रामगढ़ पथ पर चौरसिया के पास सुबह 6:30 बजे अचानक तेजरफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे रखें पुलिया के ड्रम में टकरा गई। इस हादसे में किशोर अनूप की मौके पर ही मौत हो गई वही मंजू और उनका भाई लहूलहान होकर सड़क पर गिर पड़े।
जिन्हे स्थानीय लोगों के द्वारा निजी वाहन से रामगढ़ रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया। रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों ने इलाज से पहले ही किशोर को मृत घोषित कर दिया। जबकि मंजू व मनोहर की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए भभुआ अस्पताल रेफर कर दिया। मामले से संबंधित जानकारी लेने पर थानाध्यक्ष शशिभूषण कुमार के द्वारा बताया गया घटना मोहनिया थाना क्षेत्र में घटित हुई थी। रेफरल अस्पताल में आने की वजह से सारी प्रक्रियाएं यहां पूरी कर पोस्टमार्टम के लिए भभुआ भेंज दिया गया।