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बिहार के नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर कोर्ट की गाइडलाइन को नहीं माना गया था आयोग ने चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव स्थगित किया गया और निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को गलत करार दिया गया था इसके बाद बिहार सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही थी लेकिन सरकार ने सोमवार को पटना में ही रिव्यू पेटिशन दायर कर दिया।
पटना उच्च न्यायालय द्वारा 4 अक्टूबर 2022 को आदेश पारित किया गया था नगर निकाय में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित है इसके विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा पटना उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है जिसकी सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की।
बताते चलें कि बिहार में नगर निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी थी और सारा शेड्यूल भी तैयार कर लिया गया था तारीखों की घोषणा भी हो गई थी और चुनाव दो चरणों में होना था पहले चरण का चुनाव 10 अक्टूबर को होना था जबकि दूसरे चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को होना था लेकिन इससे पहले ही ईबीसी आरक्षण कोर्ट में चैलेंज दे दिया गया और दलील दी गई कि इस चुनाव में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई है आरक्षण के लिए जरूरी ट्रिपल टेस्ट भी नहीं कराया गया जिसके बाद पटना हाईकोर्ट के आदेश से नगर निकाय चुनाव स्थगित कर दिया गया था।