Bihar: नए वर्ष का आगमन होने वाला है अभी से लोग पिकनिक स्थलों का चयन करना शुरू कर चुके हैं, वैसे लोग जो पिकनिक मनाने के लिए रमणीय स्थलों का चयन करना चाह रहे हैं उन लोगों के लिए कुछ रमणीय स्थलों की जानकारी दी जा रही है।
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यहां आकर आप उठा सकते हैं पिकनिक मनाने का लुफ्त
कैमूर पहाड़ी पर एक खूबसूरत जलप्रपात है करकटगढ़ जल प्रपात जहां जाने के बाद हर किसी को भी सुकून और शांति मिलेगी, चारों तरफ हरियाली से घिरी पहाड़ियों से गिरते हुए झरने को देखना, खुद को प्रकृति के करीब महसूस करने जैसा है, यही कारण है कि नववर्ष पर यह सैलानियों को यह सबसे अधिक आकर्षित करती है, कैमूर के करकटगढ़ जलप्रपात को देखने भारी संख्या में पर्यटक आते हैं, खासकर बारिश के दिनों में जलप्रपात की खूबसूरती और भी बढ़ी हुई है।
जिला मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर करकटगढ़ जलप्रपात कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, यहां के बारे में लोग जानते जरूर थे, लेकिन आता कोई नहीं था, लेकिन नक्सलग्रस्त इस क्षेत्र में दिसंबर 2019 से इको टूरिज्म को लेकर विकास कार्य शुरू किए गए ,जिसके बाद चैनपुर का करकटगढ़ जलप्रपात बिहार के पर्यटन के मानचित्र पर उभर कर सामने आया है।
यहां का दौरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी कर चुके हैं और यहां के मनभावन दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध भी हो चुके हैं, यहां मगरमच्छ संरक्षण केंद्र, इको टूरिज्म पार्क की स्थापना की गई है, टूरिस्टों के लिए यहां रात को भी ठहरने के लिए कैंपिंग का प्रबंध किया जा रहा है, यह जलप्रपात मगध, पूर्वांचल और शाहाबाद के लोगों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहा है, नववर्ष का जश्न मनाने के लिए यह सैलानियों की पहली पसंद है, यहां सिर्फ जिले के ही नहीं बल्कि यूपी के अलग अलग हिस्सों से लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए आते हैं।
वहीं चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर कुहिरा नदी पर स्थित जगदहवां डैम की खूबसूरती भी लोगों को अपनी ओर खींचती है, यहां जिले के अलग-अलग प्रखंडों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग पहुंचते हैं. कैमूर पहाड़ी के बीचो बीच बहने वाली कुहिरा नदी पर बने जगदहवा डैम साल के बारहों महीने लोगों को अपनी और आकर्षित करता है, लेकिन यहां खासकर नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा होती है, प्रकृति की गोद में स्थित इस डैम का नजारा सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक सभी समय देखने लायक होता है, लेकिन शाम में इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है, सूर्यास्त के समय आसमान में छाई लालिमा मानो पहाड़ की गोद से निकल रहा हो ऐसा दिखता है, कैमूर पहाड़ी की हरी-भरी वादियों के बीच यह डैम नए साल के जश्न मनाने के लिए सबसे बढ़िया स्थान है।
ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल चैनपुर के मदुरना पहाड़ी के पास स्थित बख्तियार खान का मकबरा भी नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों की पहले पसंद में शामिल है, नदी के तट पर स्थित बख्तियार खान के मकबरा के साथ-साथ इसके समानांतर स्थित मदुरना पहाड़ी भी सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. नदी के पूर्वी तट पर जहां बख्तियार खान का मकबरा स्थित है, वहीं पश्चिमी तट पर मदुरना पहाड़ी स्थित है, इन दोनों स्थलों के बीच स्थित विशाल महावीर मंदिर देखते ही बनती है, बख्तियार खान का मकबरा पुरातत्व विभाग के अधीन है जिसके सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है, जहां प्रत्येक वर्ष काफी संख्या में लोग नव वर्ष पर जश्न मनाने के लिए आते हैं, एक तरफ जहां नए साल के जश्न को लेकर लोग करकटगढ़, जगदहवा डैम सहित अन्य स्थानों पर जाते हैं वहीं दूसरी तरफ कई लोग नए साल के पहले दिन पूजा पाठ में बिताते हैं।
प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर बाजार स्थित हरसू ब्रह्म मंदिर में नए साल के पहले दिन काफी संख्या में श्रद्धालु हरसु ब्रह्म बाबा का दर्शन करने आते हैं, स्थानीय लोगों के साथ-साथ यूपी झारखंड सहित देश के अन्य हिस्सों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, और साल के पहले दिन लोग बाबा की भक्ति में बिताते हैं, इसके साथ ही कुछ और भी रमणीय स्थल है जिनमें तेलहार कुंड दुर्गावती जलाशय आदि शामिल हैं।