Bihar: धर्म के प्रचार प्रसार के नाम पर बच्चों का ब्रेन-वाश कर धर्म परिवर्तन करवाने वाले 22 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, हिरासत में लिए गए लोगों में 17 लोग हैदराबाद के हैं जबकि पांच कैमूर के निवासी बताएं जा रहे हैं।
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मामले से संबंधित मिली जानकारी के मुताबिक 3 चार पहिया वाहन एवं एक बाइक पर सवार होकर कल 22 लोग सर्वप्रथम चैनपुर के निबीया टांड़ स्थित प्राथमिक विद्यालय में पहुंचे जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक के अनुमति के बिना ही क्लास रूम में जाकर बच्चों के बीच धार्मिक पुस्तक आदि देते हुए ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने लगे और बच्चों का ब्रेन वास करने लगे, इसके बाद वहां से निकाल कर भगवानपुर स्थित मध्य विद्यालय किन्नर चोला पहुंचे वहां भी बिना प्रधानाचार्य के अनुमति के विद्यालय में प्रवेश कर गए।
जबकि प्रधानाध्यापक के द्वारा लगातार मना किया जाता रहा, सभी 22 लोग बच्चों के बीच धार्मिक पुस्तक वितरण करने लगे ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने लगे और ईसाई धर्म लोग अपनाएं इस तरह की बातें की जाने लगी, संबंधित लोगों के कार्यशैली को देखते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा तत्काल भभुआ एसडीओ को इसकी सूचना दी गई इसके बाद घटना की सुचना पर भभुआ एसडीओ विजय कुमार एवं एसडीपीओ शिव शंकर कुमार दलबल के साथ पहुंचे तब तक संबंधित लोग विद्यालय से निकल चुके थे और दूसरे विद्यालय में जाने की तैयारी कर रहे थे, पुलिस के द्वारा सभी 22 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
मामले में जानकारी देते हुए भभुआ एसडीओ विजय कुमार के द्वारा बताया गया विद्यालय में बिना अनुमति ईसाई मिशनरी के 22 लोगों के द्वारा ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार, धार्मिक पुस्तकों का वितरण एवं लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी संबंधित सभी लोग जो विद्यालय में प्रचार प्रसार करके निकल रहे थे, उन्हें हिरासत में ले लिया गया है हिरासत में लिए गए लोगों में 17 लोग हैदराबाद से हैं जबकि पांच लोग कैमूर के हैं मौके पर से तीन कार एवं एक बाइक जब्त किया गया है लोगों को भगवानपुर थाना ले जाया जा रहा है पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आपको बताते चलें कि कैमूर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में लंबे समय से स्थानीय लोगों के द्वारा इस तरह की लगातार शिकायत की जा रही है कि ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा चुपा-चोरी वैसे लोगों को अपना निशाना बनाया जा रहा है जो अशिक्षित है, अंधविश्वासी है, और आर्थिक रूप से कमजोर है, वैसे लोगों को पैसे की लालच देकर तो किसी को धर्म अपना लेने के बाद भूत प्रेत आदि से छुटकारा मिलने का आश्वासन देते हुए धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है इस बात का खुलासा उस तिथि को होता है जब इन क्षेत्रों में बनाएं गए कई चर्चा में क्रिसमस डे पर स्थानीय लोगों की भारी तादाद जुटती है तब लोग जानते हैं कि लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है, धर्म परिवर्तन करने वाले लोग भी गुप्त तरीके से धर्म परिवर्तन किए हुए हैं, सरकारी कागजातों में जिस जाति धर्म के वह है वही लिखित रहता है, और सभी तरह का लाभ सरकार से उठते हैं, वहीं दूसरी तरफ ईसाई धर्म को अपनाए हुए होते हैं, अब लोगों की बातों में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के विषय है, फिर भी अगर लोगों की बातों में कुछ भी सच्चाई है तो यह एक गंभीर विषय है।