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वही कोर्ट में आरोपित की तरफ से दलील दी गई है की वह गया में डीएसपी हैं। पितृपक्ष मेले में ड्यूटी रहने के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। किन्तु न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय का मूल्यवान समय कई तिथियों में बर्बाद हो रहा था। न्यायाधीश ने सूचक की तरफ से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा, बचाव पक्ष की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता अजय सिन्हा की दलीलें सुनने के बाद आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। इस केस में आरोप गठन की कवायद 17 फरवरी 2025 को पूरी की जानी है। डीएसपी सोमेश का बेलबॉण्ड 30 जुलाई 2024 को उनके लगातार सुनवाई में अनुपस्थित होने के कारण केंसिल कर वारंट जारी कर दिया गया था। आपको बता दे की बतौर प्रशिक्षु डीएसपी सोमेश मिश्रा के विरुद्ध 20 मार्च 2020 को भागलपुर महिला थाने में अपने एक करीबी युवती से दुष्कर्म करने के आरोप में केस दर्ज कराया गया था।
तत्कालीन सिटी एएसपी पूरण कुमार झा की निगरानी में तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी को साहिबगंज रेलवे क्वार्टर से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित मूल रूप से झारखंड के गोड्डा का रहने वाला है। पीड़ित लड़की ने पुलिस को तब दर्ज केस में जानकारी दी थी कि जब सोमेश दिल्ली में था तभी उसे पास बुलाया था। वहां उसके साथ गलत काम किया और उसकी बाकायदा वीडियो बना रखी थी। वह उसी का सहारा लेकर उसका यौन शोषण कर रहा था। दुष्कर्म की घटना बाद पीड़िता की शादी हो गई। वह जॉब कर रही है तब सोमेश वहां भी उसे धमकी देने के लिए पहुंच गया था। डीएसपी सोमेश की हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने इसकी शिकायत भी पुलिस से कर रखी थी। जब पुलिस मुख्यालय स्तर से इसकी जांच कराई गई तो जांच में आरोप सत्य पाया गया। पुलिस मुख्यालय ने सोमेश को निलंबित कर दिया था। तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने तब पीड़िता की गुहार सुन डीएसपी के विरुद्ध सख्त कदम उठाया था।