Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

रेफर किए जाने दोनों को इलाज के लिए क्षेत्र के दूसरे क्लीनिक में ले जाया गया इसी क्रम में 3 वर्षीय सत्यानंद की हालत नाजुक होने लगी जिसके बाद उसे लेकर चंदौली अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया, वही लगभग 8 वर्ष की निराशा की भी मौत हो गई दोनों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया दरवाजे पर जुटी भीड़ मृतकों के परिजनों को ढांढस बांधते नजर आई, वहीं गरीबी के दंश झेलते हुए परिजनों ने दोनों शव के अंतिम संस्कार को लेकर गांव की थोड़ी दूर नदी किनारे नम आंखों से मिट्टी दी।
मृत बच्चों की मां को भी कुछ समय बाद दस्त शुरू हो गया जिसके बाद परिजनों द्वारा पीएससी ले जाया गया जहां उनकी स्थिति में सुधार हुआ, डॉक्टरों ने बताया कि महिला में डायरिया संबंधित कोई लक्षण नहीं है दो-तीन दस्त हुआ था स्थिति सामान्य है इलाज व दवा देने के बाद छोड़ दिया गया है, वहीं इस मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम खामिदौरा गांव पहुंची और परिजनों से बीमारी के उपचार एवं मौत संबंधित जानकारियां ली, बताया जा रहा है कि रात में खाना खाने की कुछ समय बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी परिजनों द्वारा किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज के जाया गया लेकिन दोनों बच्चों की मौत हो गई मामले की पूरी जानकारी पीएचसी टीम द्वारा ली जा रही है।