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इसके बाद ट्रेन के झाझा स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 02 पर पहुंचते ही आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक मुकेश कुमार एवं अशोक कुमार सिंह अपने रेसुब टीम और जीआरपी झाझा ने S-3 कोच में चेकिंग की। चेकिंग के दौरान काला पिट्ठू बैग रखकर संदिग्ध अवस्था में यात्रा कर रहा एक यात्री नजर आया। पूछताछ में यात्री ने बताया की बैग में किताब है, लेकिन शक गहराने पर बैग की जांच की गई। जांच में उसमें किताबों के बजाय रुपये के बंडल पाए गए। यात्री बैग में मौजूद रुपये के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाया। जिसके बाद उसे बैग सहित उतारकर जीआरपी थाना झाझा में पूछताछ के लिए लाया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम श्यामसुंदर दास, निवासी रेगरपुरा, करोलबाग, दिल्ली बताया।
उसने दावा किया कि यह पैकेट उसे दिल्ली करोल बाग स्थित एक मंदिर के सेवक सुखदेव नायक ने कोलकाता पहुंचाने के लिए दिया था और उसके अंदर किताब होने की बात कही गई थी। जब बैग को अधिकारियों की मौजूदगी में खोला गया तो उसमें दो पैकेट मिले, जिनमें कुल 28 बंडल 500 रुपये के नोट थे। प्रत्येक बंडल में 2.5 लाख रुपये थे। इस तरह कुल राशि 70 लाख रुपये बरामद की गई। बरामद नकदी को ट्रेन एस्कार्ट टीम प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद आजाद के औपचारिक आवेदन के साथ जीआरपी झाझा के एसआइ रामाशीष सिंह को अग्रिम कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है। जीआरपी के अनुसार, बरामद रुपये और यात्री के संदर्भ में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।



