Bihar, पटना: बिहार की सियासत में शुक्रवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक पोस्ट के जरिए पार्टी के गठन की औपचारिक जानकारी साझा की और खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया।
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तेजप्रताप यादव ने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह ब्लैक बोर्ड तय किया है। इसके साथ ही उन्होंने पोस्टर जारी कर जनता को संदेश दिया कि यह संगठन पूरी तरह से बिहार के संपूर्ण विकास और नई व्यवस्था की स्थापना के लिए समर्पित रहेगा।
बिहार के विकास का दिया संकल्प
तेजप्रताप यादव ने अपने संदेश में लिखा है कि “हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राज्य की जनता के लिए नई उम्मीद और नई सोच लेकर आएगी।
राजनीतिक हलकों में हलचल
तेजप्रताप की इस घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे राजद और महागठबंधन की राजनीति पर असर डालने वाला कदम मान रहे हैं। कई जानकारों का कहना है कि इस फैसले से तेजप्रताप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी अलग राजनीतिक राह चुनने के मूड में हैं।
परिवार और पार्टी पर असर?
गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव लंबे समय से पार्टी की सक्रिय राजनीति में पूरी मजबूती से नहीं दिखाई दे रहे थे। कई मौकों पर उनका अपने छोटे भाई और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से राजनीतिक मतभेद भी सामने आ चुका है। अब नई पार्टी का गठन करके उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में बिहार की सियासत और भी दिलचस्प होने वाली है।
तेजप्रताप की नई पार्टी की घोषणा को लेकर लोगों में चर्चा है कि क्या यह कदम राजद के वोट बैंक को प्रभावित करेगा या फिर यह बिहार की राजनीति में सिर्फ एक नई शुरुआत भर होगी। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजप्रताप यादव की नई पार्टी बिहार की राजनीति में किस तरह अपनी पकड़ बनाती है।