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तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी नहीं खुला सागर के हत्यारों का राज मस्त घूम रहे हैं अपराधी

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में बीते 11 जनवरी की रात अज्ञात अपराधियों के द्वारा बिस्कोमान गोदाम के सहायक प्रबंधक सागर आनंद पांडे की हत्या किए जाने के बाद 12 जनवरी की दोपहर पुलिस के द्वारा बंद कमरे से शव बरामद होने के मामले की गुत्थी को पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है, हालांकि पुलिस इस हत्या के मामले में कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल में जुटी है, हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने के लिए चैनपुर पुलिस टीम के साथ डीआईयू टीम भी लगातार कार्य कर रही है।

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घटना की तिथि की फाइल फोटो
घटना की तिथि की फाइल फोटो

इस मामले में अनुसंधानकर्ता एसआई रामरतन पंडित के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सागर हत्याकांड के मामले में प्राप्त हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सागर आनंद पांडे की हत्या गला दबाकर की जाने की पुष्टि हुई है, शव बरामद 12 जनवरी दिन को 12:00 बजे के करीब पुलिस के द्वारा किया गया है, जबकि पोस्टमार्टम रात के 8:00 बजे के करीब हुई है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 24 घंटे के अंदर हत्या गला दबाकर किए जाने की बात कही गई है, पुलिस के द्वारा अभी तक लगभग आधा दर्जन से ऊपर लोगों से इस मामले में पूछताछ की जा चुकी है, मगर कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।

ज्ञात हो कि सागर आनंद पांडे पिता सुजीत पांडे उम्र लगभग 25 वर्ष जोकि ग्राम कोइरी बांध, थाना झरिया, जिला धनबाद के निवासी थे वह चैनपुर प्रखंड के ग्राम जगरिया में स्थित बिस्कोमान गोदाम पर सहायक प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे थे, 11 जनवरी की रात अज्ञात लोगों के द्वारा सागर आनंद पांडे की गला दबाकर हत्या कर दी गई एवं उस हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए छत पर लगे लोहे के जाली में विद्युत एक्सटेंशन बोर्ड के तार को फंसा कर लटका दिया गया, ताकि लोग इसे आत्महत्या समझे जबकि जिस किराए के मकान में सागर आनंद पांडे रहते थे, उस मकान के बाहर ताला लगा हुआ पाया गया, जिस कारण से प्रथम दृष्टया ही इस पूरे मामले को पुलिस से लेकर आम पब्लिक तक हत्या करार दे चुकी थी, जिसके बाद प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हत्या की बात की ही पुष्टि हुई।

अनुसंधानकर्ता एसआई रामरतन पंडित ने बताया गया कि अनुसंधान के क्रम में कई लोगों से पूछताछ एवं जांच में तीन बिंदु सामने आ रहे हैं, जिसमें प्रथम बिंदु प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरे बिंदु में यह बात सामने आ रही है कि सागर आनंद पांडे के द्वारा भारी मात्रा में लोगों को हाथ फेर के रूप में नगद राशि दी गई थी एवं तीसरा जो आम लोगों के बीच चर्चा का विषय है वह यह बताया जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र के कुछ लोगों के द्वारा मनमाने तरीके से उर्वरक प्राप्त करने के लिए सहायक प्रबंधक पर दबाव बनाए जा रहे थे एवं डराया धमकाया जा रहे थे।

इन तीन अलग-अलग बिंदुओं पर बारीकी से पुलिस के द्वारा जांच की जा रही है, इसके साथ ही मृतक के मोबाइल का डाटा कॉल डिटेल आदि की सघनता से जांच की जा रही है, साथ ही डीआईयू टीम के द्वारा डम्प डाटा का भी अवलोकन किया जा रहा है। पूछताछ एवं अनुसंधान के क्रम में कुछ लोग जांच के घेरे में है, मगर वर्तमान में पुख्ता साक्ष्य के अभाव के कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जांच पड़ताल चल रहा है जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होगा, और अपराधी पुलिस के शिकंजे में होंगे।

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