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जिसके बाद उसके गिरफ्तारी को लेकर एक टीम का गठन किया गया। जिसमें एसएसपी अभियान ओमकारनाथ सिंह, बरहट 215 बटालियन सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी मनोज कुमार, बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव को शामिल किया गया। टीम ने कुमरतरी गांव में सर्च शुरू किया तो एक संदिग्ध व्यक्ति सुरक्षा बल को देख जंगल की ओर भागने लगा। जिसे सुरक्षाबलों के द्वारा खदेड़कर पकड़ लिया गया।
गिरफ़्तार नक्सली विजय पर वर्ष 2017 में पूर्व नक्सली अर्जुन कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा तथा अन्य नक्सलियों के साथ मिलकर कुकरझप डैम पर कुमरतरी गांव के रहने वाले ब्रह्मदेव कोड़ा की पत्नी मीना कोड़ा व उसके दो पुत्र शिव कोड़ा और बजरंगी कोड़ा को नक्सली संगठन में शामिल नहीं होने पर हत्या करने का आरोप है। साथ ही वर्ष 2018 के मार्च महीने में गुरमाहा के विस्थापित पच्चेशवरी में रहे सहोदर भाई प्रमोद कोड़ा और मदन कोड़ा की हत्या में नक्सली जत्था में विजय शामिल था। वह हार्डकोर पूर्व नक्सली अर्जुन कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा, प्रवेश और अरविंद यादव का सहयोगी रह चुका है। वही गिरफ्तार नक्सली के पिता नरेश कोड़ा भी वर्ष 2022 में नक्सल कांड में जेल जा चुके है।