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सभी मजदूर तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों में फंसे हुए हैं साथ ही सभी जमुई सहित अन्य जिलों के है मजदूरों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह पीएम और सीएम से बचा लेने की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं सभी अपनी जान बचाने के लिए हजारो मजदूर एक रूम में बंद हो गए हैं, मजदूरों का कहना है कि कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच बैठक की गई थी जिसमें उन लोगों को धमकी दी गई कि हर दिन मजदूरी हरदिन का 800 नहीं बल्कि 1200 लेनी है, मालिक से इतनी रकम मजदूरी नहीं लेने पर सजा भुगतने की धमकी दी गई।
मजदूरों के अनुसार उन्हें 800 प्रत्येक दिन की दर से उचित मजदूरी दिया जाता है उन लोगों ने अधिक रुपए लेने से साफ मना कर दिया था इसको लेकर लगातार एक महीने से हिंदी बोलने वाले मजदूरों पर जाने में हमले हो रहे हैं जिसके बाद डर से बिहार के सभी मजदूर वहां से भाग रहे हैं इस हमले से करीब 12 मजदूरों की मौत हो चुकी है लेकिन वहां की पुलिस असामाजिक तत्व खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही जिस कारण मजदूरों में दहशत व्याप्त है।
इस हमले में जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत वार्ड संख्या 12 निवासी कृष्ण दास का 18 वर्षीय पुत्र मोनू कुमार, सिकंदरा थाना क्षेत्र के धधौर निवासी तिरुपुर में रहने वाले पवन कुमार पर तेजधार हथियार से हमला कर किया गया, इसमें पवन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी, वही भागलपुर, मुंगेर, नवादा जिले सहित अन्य जिले के मजदूरों की हत्या हो चुकी है जिसमें महिला मजदूर भी शामिल है।