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संघ के प्रदेश महासचिव उदयशंकर और प्रदेश संगठन महामंत्री ज्ञानेश्वर शांडिल्य ने संयुक्त रूप से कहा कि अगर महामहिम राज्यपाल बजट सत्र में अपने अभिभाषण में बिहार में शिक्षकों की समस्याओं पर सकारात्मक घोषणा नहीं करते तो बिहार के ढाई लाख टीईटी शिक्षक आंदोलन को विवश होंगे, ऐसे मजबूरन हमें विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा घेराव और राजभवन मार्च करना होगा।
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संघ पूरी तरह से आंदोलन को तैयार है और क्रमबद्ध तरीके से पूरे बिहार में आंदोलन चलाकर सरकार को विधानसभा के दौरान घेरने की रणनीति तैयार की जा रही है, संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार तर्क देती है कि पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण देने से विभिन्न नियोजन इकाइयों में आरक्षण के रोस्टर का पालन गड़बड़ा जाएगा, ऐसे में संघ की ओर से सुझाव दिया गया है कि शिक्षकों की बहूप्रशिक्षित मांग को पूरा करते हुए विभिन्न नियोजन इकाइयों को भंग करके सभी पंचायती राज संस्थाओं के तहत नियुक्त शिक्षकों को जिला कैडर में समावेशित किया जाए, इससे ट्रांसफर में आ रही आरक्षण रोस्टर की पाबंदी का भी समाधान निकल जाएगा और शिक्षा व्यवस्था में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा।
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प्रदेश महासचिव ने कहा सरकार जानबूझकर शिक्षकों को असंवैधानिक नियम कायदे के चक्कर में उलझा कर रखना चाहती है, प्रधान शिक्षकों व प्रधानध्यापकों की नियुक्ति के लिए जो नियमावली जारी हुई है उसमें टीईटी शिक्षकों के साथ विद्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हुए बेसिक ग्रेड के शिक्षकों को प्रशिक्षण के उपरांत 8 वर्ष की सेवा की बाध्यता लगाकर प्रधान शिक्षक की बहाली में शामिल होने से वंचित कर दिया गया है, इन मुद्दों पर टीईटी शिक्षकों की अनदेखी करने पर प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के ढाई लाख टीईटी शिक्षकों में काफी आक्रोश है।