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सिर्फ शहरों तक ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी ऐसा ही है अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर इलाज द्वारा इलाज कराने की बात छोड़िए बहुत बड़े बड़े ऑपरेशन तक कर दे रहे हैं साथ ही मोटी रकम लेकर नर्सिंग होम संचालक इलाज के नाम पर मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें इस बात का भी डर नहीं होता कि मरीज मरेंगे या उन्हें इंफेक्शन भी हो सकता है, ऐसे डॉक्टरों के चक्कर में आए दिन कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।
प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बहुत कम ही चिकित्सालयों का पंजीकरण कराया गया है इलाज के नाम पर की जा रही ठगी गरीबों पर भारी पड़ रही है इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब कुछ होने के बाद भी प्रशासन कुछ नहीं कर रही अवैध क्लीनिकों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है।
इस संबंध में स्थानीय प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शांति कुमार मांझी ने बताया कि पूरे प्रखंड में लगभग 5 चिकित्सकों के द्वारा क्लीनिक रजिस्टर्ड कराया गया है इसकी पूरी जानकारी मेरे पास फिलहाल नहीं है क्योंकि पीएचसी के मैनेजर अस्पताल के कार्यों से 2 दिन से उपलब्ध नहीं है।
बताते चले कि मंगलवार की रात प्रखंड क्षेत्र के खामीदौरा गांव के दो सगे भाई बहनों की मौत एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के दौरान हुई थी दोनों भाई बहनों को उल्टी और दस्त की शिकायत थी इसमें इलाज के दौरान ही दोनों में दम तोड़ दिया था।