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दरअसल मामला यह है कि हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद एक कैदी वहां के खराब खाने की क्वालिटी को लेकर परेशान था मंगलवार की सुबह उसने अपनी शिकायत के सबूत के तौर पर रोटी को सामने रखा तो जज ने कहा कि पहले भी इस तरह की शिकायत आई है जेल जाकर खुद मैं जांच करूंगा, पेशी से पहले सुबह ही कह रामजप्पो यादव के बेटे चंदन कुमार ने सत्र न्यायाधीश जिला व विधि सेवा प्राधिकार के सचिव सतीश झा से जेल के खराब खाने की शिकायत की थी जिसके बाद पेशी के दौरान वह अपने झोली में जेल की कोई रोटियां लेकर पहुंचा था जो उसे बीती रात जेल में खाने के लिए मिली थी उसी को उसने पेपर में लपेट कर रख दिया था।
रोटी दिखाते हुए कैदी ने कहा कि यही वह रोटी है जो मुझे खाने के लिए मिला है यह रोटी जानवर भी नहीं खा पाएगा जेल में कैदियों को जानवरों से भी बदतर खाना खिलाया जा रहा है, जेल प्रशासन के दियों को कच्ची रोटी देती है या फिर जली हुई, इसके बाद जज ने हाजत प्रभारी से पूछा कि कैदी के पास रोटी कैसे आई तो उसने बताया कि जूनियर वकील ने मुलाकात के दौरान कैदी को खाने के लिए रोटी का बंडल दिया दिया है इस पर कैदी ने कहा कि मैं पेपर में लपेटकर झोला में रखकर जेल से रोटी लाया हूं नहीं विश्वास है तो जेल में 3 बजे खाना मिलता है चल कर देख सकते हैं मेरे वार्ड में रोटी रखा होगा।
कैदी की शिकायत सुनने के बाद जज सतीश झा ने कहा कि वीरपुर कांड संख्या 152/20 में जेल में बंद कैदी रामजप्पो यादव के पुत्र चंदन कुमार ने खराब खाना कैदियों को दी जाने की शिकायत की थी पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।