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गोस्वामी तुलसीदास जी की लोग जयंती मनाते हैं लेकिन बाल्मीकि जिन्होंने रामायण लिखी है उसकी जयंती लोग क्यों नहीं मनाते हैं पूछिये समाज से क्योकि तुलसीदास ब्राह्मण हैं इसलिए उनकी जयंती मनती है और रामायण लिखने वाला बाल्मीकि महर्षि कहलाते हैं वो शिड्यूल जाति माने जाते हैं इसलिए उनकी जयंती नहीं मनाई जाती है ये नहीं चलेगा यही सिखाते हैं हम बहुजनो को कि तुम्हारा रामायण लिखने वाला महर्षि तुलसी दास हैं इसलिए तुम तुलसी दास जी के रामायण को मानो, तुलसी दास जी के रामचरित्र मानस को मत मानो उसमें बहुत सारा कचड़ा भरा हुआ है उसको साफ करना चाहिए उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री ने गरीब संपर्क यात्रा-सह-गरीब जगाओ सम्मेलन के तहत कहीं।
उन्होंने संस्कृत के कई श्लोक भी पढ़कर अच्छा और खराब का फर्क बताया, बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नहीं बल्कि भुइयां समाज के एक कार्यकर्ता को सीएम बनाया गया था जब 2 महीने में मैंने गरीबों के लिए निर्णय लेना शुरू किया तो लोगों का पेट में दर्द शुरू हो गया गरीबों के लिए कई योजनाएं लाई तो सब की गति धीमी पड़ गई हमारा नकल झारखंड कर रहा है लेकिन बिहार गरीब कल्याण के लिए कुछ भी नहीं कर रहा, चाहे वह भूमि का मामला हो,पीएम आवास योजना का मामला हो, बिजली बिल का मामला हो सब ज्यों का त्यों पड़ा है।
उन्होंने कहा कि नवंबर माह में पटना के गांधी मैदान में रैली करेंगे जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाएंगे उन्होंने हमारी मांगों पर विचार किया तो ठीक है वरना हम आगे का रास्ता ढूंढ लेंगे, इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने उनका फूल मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया और समर्थन में जमकर नारेबाजी की, उसके बाद सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डा. संतोष कुमार सुमन और विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे टेकारी विधायक सह पूर्व मंत्री अनिल कुमार, सिकंदरा विधायक प्रफुल मांझी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया, इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों के द्वारा जिले भर में मैट्रिक, इंटर परीक्षा पास करने वाले मांझी समुदाय के छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, छात्र-छात्राओं का हौसला अफजाई की और आगे तक कि पढ़ाई कर परिवार समाज का नाम रौशन करने की बात कही।