Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
एमडीएम का चार्ज डीपीओ को होना चाहिए लेकिन उनको चार्ज नहीं देकर उनका चार्ज खुद अपने पास रख रहे हैं, विद्यालय में प्रत्येक बोरी में 50 किलो चावल की आपूर्ति करना है वहां पर 38 से 40 किलो चावल भेजा जा रहा है वह भी चावल घटिया किस्म का है जो गुणवत्ता विहीन होने कारण बच्चों को स्वास्थ्य पर सीधा असर डालेगा, आगे उन्होंने कहा कि मैंने जब शिक्षा समिति के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया तो मुझे ये सारी खामियां मिली डीईओ से कई बार शिकायत की लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया इसके बाद इसकी शिकायत मैं मुख्यमंत्री बिहार सरकार, जिलाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक पटना और निदेशक पटना, शिक्षा विभाग प्रधान सचिव को करूंगा।
उन्होंने कहा कि डीइओ और डीपीओ के द्वारा शिक्षा विभाग के कार्यालय में कई शिक्षकों को बुला कर रखा गया है जिन से अवैध उगाही का कार्य कराया जाता है और गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को लगाया जाता है जबकि सरकार का आदेश है कि ऐसा नहीं करना है अगर इसी तरह से लूट खसोट चलता रहा और करवाई नहीं हुआ तो डीईओ कैमूर और डीपीओ स्थापना को जेल भेजवा कर दम लिया जाएगा, डीपीओ स्थापना अमरेंद्र पांडे ने शिक्षक प्रति नियोजन की बात को नकारा और कहा की मेरी जानकारी में कोई भी शिक्षक शिक्षा विभाग कार्यालय में प्रतिनियोजित नहीं है, सभी जगहों का लिस्ट मंगाया गया है जो अवीलंब प्राप्त होगा, कोई शिक्षक प्रतिनियोजन की बात आएगी तो तुरंत उसका प्रतिनियोजन रद्द किया जाएगा।