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वही इधर रात में फिर से ग्रामीणों की बैठक हुई और उसमें कातो देवी समेत बाबूलाल उरांव के पूरे परिवार को जिंदा जलाकर मारने का फैसला लिया गया। देर रात अचानक हरवे हथियार से लैस भीड़ ने बाबूलाल उरांव समेत उनके अन्य भाईयों के घर को घेर लिया। बाबूलाल उरांव के परिवार के पांच सदस्यों को बंधक बनाकर घर से चंद कदम की दूरी पर लेकर चले गए। इधर अन्य भाईयों को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया और उनके मोबाइल आदि भी भीड़ ने अपने कब्जे में ले लिया। भाईयों व उनके परिवार को भी यह धमकी दी गई कि अगर उन लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो उन लोगों को भी जलाकर मार दिया जाएगा। उन्मादी भीड़ ने पांचों सदस्यों को एक साथ बांधकर उस पर पेट्रोल छिड़क दिया और फिर आग फूंक दी। बाबूलाल के भाईयों ने बताया कि वे लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर पाए। रात के करीब चार बजे शवों को ठिकाना लगाकर ग्रामीण वापस लौटे और फिर सुबह इसकी सूचना पुलिस तक पहुंची।