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ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आसानी से उपलब्ध हो जाता है, आसानी से उपलब्ध होने के कारण है बंगाल बिहार की ओर जाने वाली सभी गाड़ियां और ट्रक जिला इन जिलों से आस पास से गुजरते हैं, इन क्षेत्रों में टैंकरों से स्प्रिट को अवैध तरीके से बेचा जाता है, स्प्रिट पर बिहार में प्रतिबंध होने के कारण पुलिस द्वारा उसे जब्त भी किया जाता है, जब्त किया गया स्प्रिट इथेनॉल है या मिथेनॉल, इसकी पहचान किसी को नहीं होती है, मिथेनॉल बहुत ही जहरीला होता है अगर स्प्रिट के टैंकर मिथेनॉल है तो निश्चित ही उसका सेवन करने वाले जहर पी रहे हैं और उनकी मौत हो जाएगी।
मढ़ौरा अनुमंडल में स्प्रिट का कारोबार सबसे अधिक होता है, इन्हीं जगहों के आसपास के सीमावर्ती इलाकों में स्प्रिट के शराब बनाने का धंधा फल-फूल रहा है इस कारण लोग इसकी चपेट में आने शुरू हो गए हैं अब तक इस वर्ष चार बड़ी घटनाएं हो चुकी है जिनमें से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इस संबंध में सारण जिला उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि यूपी से गुजरने वाले वाहन नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा से बचने के लिए मशरख के रास्ते स्टेट हाईवे से गुजरते हैं इसलिए मशरक क्षेत्र स्प्रिट का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है, शाम को द्वारा 50-100 लीटर स्प्रिट डैमेज दिखाकर बेंच दिया जाता है इसलिए इन क्षेत्रों में स्प्रिट से शराब बनाने के कारोबार फल-फूल रहा है, कंपनी से जब स्प्रिट को भेजा जाता है तो मेथेनॉल वाले टैंकर पर जहरीला लिखकर लाल निशान लगाने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है, कागजों पर एवं टैंकरों पर ज्वलनशील पदार्थ लिखकर भेजा जाता है।