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आरोपी ने 10 पंचायतों के 15 गांव की महिलाओं से बैंक और जीविका समूह के माध्यम से लोन दिलवाया। प्रत्येक महिला के नाम पर 2 से 7 लाख रुपये तक का लोन स्वीकृत कराया गया। शुरूआती कुछ किस्तें आयुष ने खुद बैंक में जमा कीं, जिससे महिलाओं को विश्वास हो गया कि सबकुछ सही चल रहा है। किन्तु कुछ महीनों बाद वह किस्तें जमा करना बंद कर दिया। वही मामले का खुलासा तब हुआ जब महिलाओं को बैंकों से नोटिस आने लगे। इसके बाद महिलाएं आरोपी के घर पहुंचीं और पैसे की मांग की। आयुष ने पहले टालमटोल किया और बाद में पैसा देने से साफ इनकार कर दिया। जब महिलाओं का दबाव बढ़ा तो वह अपने पूरे परिवार के साथ घर छोड़कर फरार हो गया। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि आयुष झा अक्सर खुद को बड़े अधिकारियों और नेताओं का करीबी बताता था।
चांदपुर की रेशम देवी ने बताया, रेणु देवी के जरिए हमारी पहचान आयुष झा से हुई थी। उसने कहा था कि बैंक से लोन दिलाकर रोजगार और जमीन देगा। हम सबने 2 से 3 लाख तक का लोन लिया, लेकिन पूरा पैसा उसी ने रख लिया। अब जब पैसा मांगने गए तो कहने लगा कि मेरा बड़े लोगों से संपर्क है, कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। लक्ष्मी देवी ने बताया कि जब बैंक से नोटिस आया तो हमें ठगी का पता चला। आरोपी घर से फरार है और अब हमारे पति कह रहे हैं कि लोन हम कैसे चुकाएं? लाखों रुपये का बोझ हमारे सिर पर आ गया है। इधर घटना के बाद शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं ने आरोपी के घर के बाहर हंगामा किया और फिर जगदीशपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। वही जगदीशपुर थानाध्यक्ष अभय शंकर ने बताया कि महिलाओं का आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।



