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इस घटना के बाद परिवार वालो पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। सोमवार को कई लोग इकट्ठा होकर शव को रखकर प्रदर्शन करने लगे घटना की सूचना पर एसडीएम राकेश कुमार सिंह, सीडीपीओ, अंचलाधिकारी बद्री प्रसाद सहित स्थानीय थाने से पुलिस बल पहुंच उपस्थित लोगों से बातचीत कर शव को अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को राजी किया लेकिन थोड़ी देर बाद बात नहीं बन सकी तो मौके पर पहुंच डीएम सावन कुमार और एसपी लोगों को समझा बूझा कर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी किया। शव के साथ दर्शन कर रहे लोग सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा की मांग कर रहे थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतक के परिजनों में एक को सरकारी नौकरी कल्याण विभाग द्वारा 8.25 अनुग्रह राशि और प्रतिमाह 71 हजार रुपए पेंशन देने के आश्वासन के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए।
बताया जा रहा है घटना जमीनी विवाद से संबंधित है स्थानीय पंचायत के पूर्व मुखिया के परिवार की लगभग 60 से 65 बीघे जमीन सीलिंग में चली गई है। इस जमीन का लगभग 65 लोगों को लाल कार्ड का पर्चा भी मिला हुआ है। उस जमीन के भूधारी द्वारा सीलिंग के विरुद्ध उच्च न्यायालय में वाद भी दाखिल किया गया था। जहां से वाद को बीएलटी को ट्रांसफर कर दिया गया। वहां से पुनः जिलाधिकारी के यहां सीलिंग पुनरीक्षण के लिए वाद को ट्रांसफर कर दिया गया। अभी जिलाधिकारी द्वारा वाद का निस्तारण नहीं किया गया है।
बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय का आदेश है कि जब तक से सीलिंग वाद का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक भूधारी द्वारा ही भूमि का उपयोग किया जाएगा। धान की रोपनी होने लगी थी तब भी लाल कार्डधारियों द्वारा विरोध किया गया था। उस समय किसी तरह मामला सुलझा लिया गया। अब जब धान की कटाई होने लगी तो करीब 5 दिन पहले कार्डधारियों द्वारा जबरदस्ती धान काटने का प्रयास किया जाने लगा। इस पर भूधारी द्वारा मना किया गया तब उस दिन सब हट गया लेकिन पुन: रविवार को जबरदस्ती धान काटने का प्रयास किया गया जिसमें विवाद बढ़ने पर गोली चलाई गई जिसमें एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। घटना के बाद करीब 16 लोगों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज की गई है जिसमे से 6 को ग्रिफ्तार कर लिया गया है।