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सीएम नीतीश कभी भाजपा का कमल पकड़ कर तो कभी लालटेन पर लटक कर मुख्यमंत्री बने रहना चाहते है। बिहार चाहे भाड़ में जाए बिहार की जनता का कुछ भी हो उससे इनको कोई लेना देना नहीं है। सीएम नीतीश को बिहार की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं रह गई है। साथ ही उन्होंने बोला नीतीश कुमार का पूरे बिहार में पुरजोर विरोध होना चाहिए। इन्होंने सारी मोरालिटी को ताखा पर रख दिया है। नीतीश कुमार को अहंकार इस बात का है कि 42 विधायक होने के बाद भी ये मुख्यमंत्री बने ही रहते हैं। अगर आप देखियेगा तो JDU के 117 विधायक हुआ करते थे। वहां से घटकर 72 हुए इसके बाद 72 से उलटकर 42 में आ पहुंचे हैं। अगली बार जनता इतन कम विधायक देगी कि कोई गणित और जुगाड़ इनको मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा आप लिखकर रख लीजिये।