Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
राम मंदिर के मुद्दे पर एक बार लालकृष्ण आडवाणी सोमनाथ से चले तब एक बार उस मुद्दे पर वोट पड़ा। राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा है लोगों के कॉन्शस माइंड में है, चर्चा में है तो इसका खूब प्रचार भी होगा, लेकिन वोट इस पर नहीं पड़ेगा। प्रशांत किशोर ने बीजेपी के संसदीय दल की हाल में ही हुई बैठक का उदाहरण देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने जब अपने सांसदों से मुलाकात की तो उन्होंने भी कहा कि खाली राम मंदिर के नाम पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। क्योंकि एक बार देश में मंडल कमीशन आया तो बहुत आंदोलन हुआ लेकिन जब 5 साल के बाद मंडल कमीशन लागू किया गया तो देश में किसी को भी पता नहीं चला। समाज की इतनी समझ तो रखनी चाहिए कि काठ की हांडी या कच्ची हांडी को बार-बार नहीं चला सकते हैं।
साथ ही प्रशांत किशोर ने दरभंगा शहर में जन संवाद के दौरान अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार अन्ना हजारे ने लोकपाल के नाम पर आंदोलन किया, लेकिन क्या फिर से लोकपाल के नाम पर आंदोलन हो सकता है? उस समय पूरा देश जनलोकपाल के नाम पर अन्ना हजारे के साथ खड़ा हुआ। आज अगर एक बार फिर से अन्ना आ जाएं और जनलोकपाल को लेकर बैठ जाएं, तो भी कोई नोटिस नहीं करेगा। राम मंदिर का उद्घाटन बहुत बड़ी घटना है, उसकी चर्चा होगी, बीजेपी उसका प्रचार-प्रसार खूब करेगी, उसका लाभ लेने की कोशिश भी करेगी, लेकिन राम मंदिर की वजह से वोट बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। दूसरी वजहों से लोग बीजेपी को वोट भले दे दें, वो अलग बात है।