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विधानसभा चुनाव वो किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं बल्कि जनता को जगाने के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका काम है जनता को सही बात बताना। उसके बाद जनता को तय करना है कि वो नए विकल्प के साथ जाना चाहती है या नहीं। नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के सावल पर उन्होंने कहा कि उनके बारे में क्या कहूं, नीतीश कुमार एक उम्र पार कर चुके हैं, जरुरत है अब उनको राजनीति से संन्यास लेने की। अच्छा है वो समय रहते समझ जाएं नहीं तो अगले चुनाव में उनकी जो दुर्गति होने वाली है, हो सकता है, वो उसे सहन न कर पाएं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने के निर्णय को उन्होंने एनडीए की बेवकूफी करार दिया। साथ ही संसद में आंबेडकर पर अमित शाह के दिए गए बयान को अति अशोभनीय बताया। कहा कि बीजेपी को आंबेडकर के लिए जरा भी सम्मान नहीं है। जनसुराज उसकी कड़ी निंदा करती है एवं बताया की विधानसभा चुनाव मे जो उम्मीदवार बनना चाहते हैं वो पार्टी के बेब साइट पर जाकर एक फार्म को भरकर रजिस्ट्रेशन के लिए 21000 रुपये जमा कर सकते हैं।