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दरअसल बुधवार 18 जनवरी को बलियावी ने हजारीबाग में कार्यक्रम में कहा था कि अगर हमारे आका के इज्जत पर हाथ डाला तो हम शहर को कर्बला बना देंगे, विवाद के बाद उन्होंने फिर से कहा कि वह अपने बयान पर कायम है, तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान की भी आलोचना की थी शिक्षा मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस समाज में विद्वेष फैलाने वाला ग्रंथ है, तब डिप्टी सीएम ने कहा था कि हम सभी संविधान को मानते हैं और वही हमारे लिए सबसे बड़ा ग्रंथ है हालांकि इसे चंद्रशेखर के बचाव में दिया बयान पॉलिटिकल बयान माना गया था।
शुक्रवार को जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने मामले में कहा था कि हम लोगों ने कई बार कहा कि यह धर्म आस्था का विषय है, संविधान ने हर किसी को अधिकार दिया है कि वह किसी भी धर्म में आस्था रख सकता है नीतीश कुमार ने बिहार में ऐसे राज्य की स्थापना की है जहां हर जाति धर्म के लोग सद्भाव से रहते हैं हर कोई अपना काम कर सकता है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महागठबंधन के अंदर एक से बढ़कर एक लोग बैठे हुए हैं, जो लगातार सिर्फ विवादित बयान दिए जा रहे हैं, यह लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग से आए हुए हैं इनका काम उन्माद फैलाना है, यह लोग कभी हिंदू के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर कुछ बोलते हैं तो कभी कुछ लेकिन रामायण को लेकर कुछ भी नहीं बोल सकते हैं।





