Bihar, कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। प्रखंड के बियुर मानपुर क्षेत्र की डीलर चंदा देवी पर करीब 150 क्विंटल राशन गबन करने का आरोप लगा है। इस संबंध में मुढ़ी गांव निवासी एवं बीस सूत्री जिला सचिव सुमित कुमार पटेल ने कैमूर जिलाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
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ग्रामीणों का आरोप – कम राशन और कटौती
गाजीपुर गांव के ग्रामीणों ने भी डीलर चंदा देवी पर कम राशन देने और कटौती करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

1 इंद्रावती देवी ने बताया कि उनके राशन कार्ड पर 8 लोगों का नाम दर्ज है, लेकिन डीलर केवल 5 लोगों का ही राशन देती हैं।

2 रामावती देवी ने कहा कि उनके कार्ड पर 10 लोगों का नाम है, मगर पिछले 6 महीने से केवल 3 लोगों का राशन ही मिल रहा है।

3 राम प्रसाद बिंद ने आरोप लगाया कि उनके कार्ड पर 2 नाम हैं, फिर भी उन्हें एक साल से राशन नहीं मिला। विरोध करने पर डीलर धमकी देती है कि “जहां जाना है जाओ, राशन नहीं मिलेगा।”

4 अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि उनके राशन कार्ड में 14 नाम दर्ज हैं, लेकिन उन्हें केवल 9 लोगों का राशन ही दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि राशन की दुकान मुढ़ी गांव में है, जो गाजीपुर गांव से 3 किलोमीटर दूर है। लंबी दूरी और डीलर की मनमानी से उन्हें लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जांच में 115 क्विंटल राशन कम पाया गया
इस मामले पर भभुआ एसडीएम अमित कुमार के निर्देश पर जांच की गई। जांच के क्रम में डीलर के पास 115 क्विंटल राशन कम पाया गया। एसडीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बीस सूत्री जिला सचिव ने लगाए गंभीर आरोप
जिला सचिव सुमित कुमार पटेल ने कहा, “डीलर चंदा देवी द्वारा भभुआ, चैनपुर सहित कई जगहों पर राशन की गड़बड़ी की जा रही है। मैंने पहले भी प्रशासन को शिकायत दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मैंने कैमूर डीएम सुनील कुमार को आवेदन दिया, जिस पर उन्होंने जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।”
डीलर की चुप्पी और प्रशासन की चुनौती
इस मामले पर जब चंदा देवी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं एसडीएम अमित कुमार ने ऑन-कैमरा प्रतिक्रिया देने से इनकार किया, लेकिन मौखिक रूप से कहा कि मामले की जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल
सरकार गरीबों को मुफ्त और पर्याप्त राशन देने का दावा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर डीलरों और अधिकारियों की मिलीभगत से राशन की बंदरबांट हो रही है। अब देखने वाली बात होगी कि कैमूर जिला प्रशासन इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करता है।