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लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष के द्वारा इस संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी एवं वन विभाग को भी नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि निजी लाभ के उद्देश्य से तत्कालीन थानाध्यक्ष ने काला हिरण के मांस की बात को छुपाते हुए गिरफ्तार राजू बेग को पी आर बॉन्ड पर मुक्त कर दिया। वन विभाग को जब सूचना प्राप्त हुई तो उसके द्वारा काला हिरण का मांस व मांस लगा काला हिरण का सिंग चेनारी थाना परिसर से बरामद किया गया। इस संबंध में प्राथमिक की दर्ज करते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष चेनारी को भी अभियुक्त बनाया गया।
उन्होंने बताया कि जब इस बात की जानकारी रोहतास के पुलिस अधीक्षक को मिली तो इसकी जांच उन्होंने एसडीपीओ सासाराम से कराई। जांच प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट हुआ कि तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा इस प्रकरण में काफी अनियमितता बरतते हुए अपने कर्तव्य में लापरवाही की गई है। एसपी ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ किया गया था। जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। डीआईजी ने कहा कि उनके स्तर से भी इस मामले की गहराई से जांच की गई । तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार को अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता,कार्तव्यहीनता , संदिग्ध आचरण तथा अपने पद का दुरुपयोग कर अनैतिक लाभ लेने के दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया गया है। भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर पुलिस काम कर रही है अगर कोई भी पुलिस अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर अनैतिक लाभ लेने के आरोप में दोषी पाए जाएंगे उनकी भी बर्खास्त की कार्रवाई की जाएगी।