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चुनाव से पूर्व CBI का बड़ा एक्शन, 20 ठिकानों पर छापा 60 लाख नगद व एक किलो सोना बरामद

Bihar:  चुनाव से पूर्व CBI ने मंगलवार की सुबह बड़ी कार्यवाई करते हुए 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में झारखंड, बिहार के भागलपुर और बंगाल के कुल 20 ठिकानों पर छापा मारा है। छापेमारी के दौरान CBI ने 60 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना, 1.2 किलो चांदी, 9 एमएम की 61 गोलियां, सेल डीड, शेल कंपनियों और निवेश से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए है। इनमें रांची के 3, गुमला का 1, साहिबगंज के 13, कोलकाता के 2 और पटना का 1 ठिकाना शामिल है। छापेमारी की दायरे में पावर ब्रोकर के रूप में चिह्नित प्रेम प्रकाश, जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, सीए जयशंकर जयपुरिया, सीटीएस कंपनी और पत्थर व्यापारियों को शामिल किया गया है। जिला खनन पदाधिकारी विभूति के घर से मिले कागजात की जांच के दौरान 1.5 करोड़ रुपये के निवेश का ब्योरा मिला है। उनके  ठिकानों से लगभग 50 लाख रुपये के जेवरात मिले हैं।

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NS News छापेमारी के दायरे में अवैध खनन के अलावा बगैर वैध दस्तावेज के ही खनिजों की ढुलाई से जुड़े लोगों को शामिल किया है। आपको बता दे की छापेमारी के दायरे में शामिल किए गए लोगों का संबंध पंकज मिश्रा से है। हालांकि पंकज मिश्रा को छापेमारी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है। छापेमारी के दौरान साहिबगंज के पत्थर कारोबारी भगवान भगत के ठिकानों से एक किलो सोना, रंजन वर्मा के ठिकानों से 7 लाख रुपये नकद व 1.2 किलो चांदी और अमित जायसवाल के ठिकानों से 42 लाख रुपये नकद जब्त किए गए हैं। वही CBI ने जांच के दूसरे चरण में सीटीएस नामक कंपनी के ठिकानों को भी छापेमारी के दायरे में शामिल किया। इस कंपनी को पास साहिबगंज में माइनिंग लीज भी है। लेकिन कंपनी ने लीज क्षेत्र से बाहर जाकर खनन किया है। इस कंपनी के पास माइनिंग लीज के अलावा ट्रांसपोर्टेशन की भी अनुमति है। सीटीएस से कुछ अन्य कंपनियों के साथ मिलकर वर्ष 2015 से ही बिना वैध दस्तावेज के ही रेल रैक से पत्थरों की ढुलाई करना शुरू किया था।

नियमानुसार खनिजों की ढुलाई के लिए ‘फार्म-डी’ का होना आवश्यक है। जांच में पाया गया कि एक रैक से 2500-2600 एमटी स्टोन चिप्स की ढुलाई की जाती है। इससे सरकार को प्रति रैक करीब 4.5 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होता है। दरसल CBI ने हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में नीबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच के पहले चरण में CBI ने अवैध खनन से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। उस दौरान मिले दस्तावेज की जांच के दौरान अवैध खनन के अलावा अवैध तरीके से पत्थरों की ढुलाई का मामला पकड़ में आया था। पता चला कि अवैध खनन के बाद बिना वैध दस्तावेज के ही रेल रैक और स्टीमरों से पत्थरों की ढुलाई की गयी थी। प्रारंभिक जांच में सीटीएस नामक कंपनी द्वारा बिना वैध दस्तावेज के बड़े पैमाने पर खनिजों की ढुलाई कराये जाने की जानकारी मिली थी।

 

 

 

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