Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड सीएचसी सेंटर में गुरुवार चिकित्सकों के द्वारा ओपीडी बहिष्कार के कारण इलाज कराने को पहुंचे मरीजों को बिना इलाज ही लौटना पड़ा, जबकि ओपीडी में सन्नाटा पसरा रहा एक भी चिकित्सक अस्पताल में नजर नहीं आए।
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ओपीडी बहिष्कार को लेकर चैनपुर सीएचसी के प्रभारी डॉ राज नारायण प्रसाद से जानकारी लिए तो उनके द्वारा बताया गया सरकार के द्वारा अस्पताल में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया है, मगर ड्यूटी के घंटों का निर्धारण नहीं हो सका, सहित अन्य मांगों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा बताया गया समुचित मानव संसाधन बल उपलब्ध करवाने की मांग आवास एवं सिक्योरिटी उपलब्ध करवाए जाने की मांग।
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चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग, वर्तमान सुरक्षा कानून में संशोधन करने की मांग, मूल वेतन में 50% ग्रामीण भत्ता अनुमान्य करने की मांग, महिला चिकित्सकों के पदस्थापन को रिकॉन्सिलिएशन करते हुए सुरक्षा के ठोस कदम उठाए जाने की मांग, चिकित्सकों की चॉइस गृह जिला में पोस्टिंग की मांग, इस तरह से कुल 17 मांगों को लेकर ओपीडी का बहिष्कार चिकित्सकों के द्वारा किया गया है।
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जानकारी देते हुए आगे बताएं गया, ज्यादातर देखने को मिलता है मरीज अपने घर में कुछ खाकर अगर गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचते हैं और इलाज के क्रम में मौत हो जाती है तो सब लोग डॉक्टरों पर ही अपना गुस्सा उतारना शुरू कर देते हैं, डॉक्टरों के साथ मारपीट करने लगते हैं जबकि चिकित्सक अपना कार्य इमानदारी पूर्वक करते हैं, बावजूद लोग इस चीज को समझ नहीं पाते, डॉक्टर पर हमला मारपीट आदि के रोकथाम के लिए सिक्योरिटी उपलब्ध करवाना अति महत्वपूर्ण है, इसके साथ ही अस्पताल परिसर में ही चिकित्सकों को आवास मुहैया कराना अत्यंत जरूरी है, ताकि समय पड़ने पर तत्काल मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया जा सके, सहित कई अन्य जरूरी मांगों की बात बताई गई।
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