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14 जुलाई को आंध्र प्रदेश में श्री हरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए स्पेस भेजा गया था,41 दिन पहले उड़ने वाला चंद्रयान-3 चांद पर पहुंच गया है, इसने 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय किया है, वहीं चंद्रयान-3 का बजट 615 करोड़ रूपए है।
चंद्रयान-3 के स्पेसक्राफ्ट में तीन हिस्से-ब प्रोपल्शन माड्यूल, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर हैं, अगर किसी भी फैक्टर के कारण चंद्रयान-3 लैंड नहीं करता तो इसकी लैंडिंग 27 अगस्त को कराने की प्लानिंग थी, इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की रात भर पड़ताल में जुटे रहे, वे लैंडर को इनपुट भेज रहे थें, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए। सभी सांकेतिक भाषा में बात कर रहे थें।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ गुप्ता ने कहा कि हम लोगों ने इसरो के तीनों मून मिशन को दिखाया है, वह चंद्रयान-1 हो या चंद्रयान 2 हो और अब चंद्रयान-3 भी दिखाया है, लाइव स्क्रीनिंग के दौरान लोगों में बहुत खुशी और उत्साह देखने को मिली जैसे ही चंद्रयान-3 ने सफल लैंडिंग की वैसे ही पूरा हॉल भारत माता की जय से गूंज उठा हर दर्शक खुशी से झूम रहा था और भारत की इस उपलब्धि में जश्न मना रहा था।








































