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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार राकेश कुमार जैसे ही ट्रेन के पायदान पर पैर रख रहे थे, उनका संतुलन बिगड़ गया। देखते ही देखते वे ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच जा गिरे। आसपास मौजूद यात्रियों ने शोर मचाते हुए उन्हें बचाने की कोशिश की, किन्तु तब तक ट्रेन की रफ्तार बढ़ चुकी थी। हादसे की सूचना मिलते ही गार्ड ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन रोकी, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आरपीएफ-जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। शव इतनी बुरी तरह फंसा था कि उसे निकालने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्लेटफार्म तोड़ना पड़ा। करीब 20 मिनट के कड़ी मश्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया। इस दौरान पटना–रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब एक घंटे तक गया जंक्शन पर खड़ी रही। स्टेशन परिसर में अफरातफरी और भीड़ का माहौल बन गया।
रेल थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान उसके मोबाइल और पिट्ठू बैग से हुई। मृतक राकेश कुमार गया कोर्ट में डीड राइटर का काम करते थे और रविवार को रांची अपने भागना से मिलने जा रहे थे। वे अपने पीछे पत्नी और दो बेटों को छोड़ गए हैं। स्टेशन प्रबंधक विनोद कुमार सिंह और आरपीएफ इंस्पेक्टर बनारसी यादव की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला गया। रेल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर रही है और यात्रियों से अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश न करें। रेल पुलिस ने शव पोस्टमार्टम करने को लेकर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।



