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वही बबलू कुमार ने बताया कि बुधवार की रात करीब 11:00 बजे आखरी बार चाची सुनिता देवी से उसकी मोबाइल पर बात हुई थी। इस दौरान वह डरी सहमी थीं। अनहोनी का अंदेशा भी जता रही थीं। गुरुवार सुबह में जब चाची का मोबाइल स्विच आफ बताने लगा तो हमलोगों ने सोचा कि शायद मोबाइल चार्ज नहीं होगा। शुक्रवार को भी जब घर में चहलकदमी नहीं दिखाई दी तो अगल-बगल के लोग घर पर गए। दरवाजे पर बाहर से कुंडी लगी थी। कुंडी खोलने पर सुनीता को फंदे से लटका देखा। जिसके बाद उसकी सूचना पुलिस को दी गई। सुनीता का मायका सहरसा जिले के कांप गोलमा गांव में है। उसकी कोई संतान नहीं थी। वहीं, घटना के बाद से फरार चले सद्दाम ने फोन कर बताया कि साजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है।
स्वजन ने बताया की बीते 21 मार्च को मकई खेत में सुनीता घास काट रही थी। इसी दौरान सद्दाम ने प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रलोभन देकर उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाब बनाया था। इसका विरोध करते हुए सुनीता देवी घर लौटी व पति और स्वजन को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद 22 मार्च को मुखिया नुसरत परवीन ने थाना में रौशन यादव व अन्य के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट व गाली-गलौज का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया। इसी मामले में रौशन यादव जेल में है। सुनीता देवी ने भी पुलिस से सद्दाम के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इस मामले में उदाकिशुनगंज एसडीपीओ अविनाश कुमार ने कहा कि सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा रही है। पीड़ित पक्ष का आवेदन नहीं मिला है। जल्द ही मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। वही यह पूछने पर कि पुलिस ने सद्दाम पर लगे आरोप मामले में केस दर्ज क्यों नहीं किया गया, उन्होंने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।