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शहादत दिवस को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा की हमलोग हर साल शहीद युवकों की याद में शहादत दिवस मनाते हैं। शहादत दिवस मनाने का मैन उद्देश पीड़ित विधवाओं को न्याय दिलाना एवं पुलिस की बर्बरता को याद रखना है। इस अवसर पर श्यामलाल यादव ने कहा पुलिस की गोलीबारी में शहीद हुए युवकों के परिजनों को न्याय नहीं मिला। उन्होंने ने बिहार सरकार के सुशासन बाबू पर आरोपी को बचाने का इलजाम लगाया है । 31 जनवरी 2006 को चांद बाजार में चोरी की घटनाओं से परेशान हो कर ग्रामीणों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
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विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने अनावश्यक गोली बारी कर लालजी यादव एवं सदानंद सिंह नामक दो युवकों की हत्या कर दी। पुलिस ने गोलीबारी घटना की लीपापोती करने का प्रयास किया। शहीद युवकों के परिजनों ने गोली चलाने का आदेश देने वाले एसएसपी रमन चौधरी तत्कालीन थानाध्यक्ष विश्वेश्वर राम एवं अन्य पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई। आज भी मामला न्यायालय में चल रहा है। 302 का आरोपी रमन चौधरी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर किया। आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली। मुकदमा दायर किए 17 साल से बिना जमानत लिए घुम रहा है रमन चौधरी आज भी पीड़ित विधवाओं को न्याय का इंतजार है। इस अवसर पर सोनु सिंह परमानन्द सिंह राजेंद्र सिंह सतीश पांडेय सियाराम यादव आदि मौजूद थे।
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