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गर्मी के मौसम में डायरिया जैसे रोग से बचने के लिए जरूरी है, ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल भोज्य पदार्थों का सेवन

Bihar: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में सभी उम्र के लोगों को भोजन के प्रति सजग और सचेत रहना जरूरी है इस मौसम में ज्यादातर मसालेदार सामग्री खाने से परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है, खासकर बच्चों के खानपान का विशेष ख्याल रखना जरूरी है क्योंकि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण उनके डायरिया से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

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डायरिया केवल विशेष उपचार की आवश्यकता के बिना दो-चार दिनों तक रहता है हालांकि गंभीर डायरिया किसी के जीवन के लिए भी खतरा है इसकी पीछे प्रमुख कारण यह है डायरिया के कारण शरीर लगातार तरल पदार्थ खो देता है जिससे शरीर में पानी की कमी के कारण निर्जलीकरण हो जाता है, कुपोषित लोगों, शिशुओं, छोटे बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को इस तरह के खतरनाक संक्रमण का शिकार होने का खतरा अधिक होता है।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जे एन सिंह ने बताया की जागरूकता के अभाव के कारण बच्चों को उल्टी दस्त के दौरान खाना देना बंद कर दिया जाता है, जिससे बच्चों में अधिक कमजोरी बढ़ जाती है, बच्चों का खानपान बंद नहीं करना चाहिए और बच्चों को उल्टी, दस्त होने की शिकायत पर ओआरएस का घोल देना चाहिए जिससे बच्चों के शरीर में पानी की कमी ना हो साथ ही उन्हें ज्यादा से ज्यादा तरल भोजन दें।

उल्टी आदि की शिकायत होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आंगनबाड़ी में जाकर पर्याप्त मात्रा में जिंक और ओआरएस के घोल ले सकते हैं इसकी आसान बनाने की विधि भी समझ कर अभिभावक घर में ही उल्टी दस्त के प्रकोप से होने वाले उपचार कर सकते हैं, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र पर भी दस्त नियंत्रण एवं इसकी रोकथाम के लिए लोगों को ओआरएस पैकेट एवं जिंक की दवा दी जाती है साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों के एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा दस्त के लक्षणों एवं इसकी रोकथाम के विषय में लोगों को जागरूक भी किया जाता है।

45 फीट से कम गहरे बने हुए चापाकलों का पानी संक्रमित होता है एवं इन पानी के सेवन करने से दस्त होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए 45 फीट से अधिक गहरे बने हुए चापाकलों का ही पानी बच्चों को देना चाहिए इसके अलावा संग्रहित पानी की जैविक संक्रमण को समाप्त करने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल करना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटे के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त आना डायरिया के लक्षण है डायरिया जीवाणु व विषाणु संक्रमण के कारण तो होता ही है लेकिन सबसे सामान्य कारण है प्रदूषित पानी, खान-पान में गड़बड़ी और आंत में संक्रमण डायरिया से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है और अगर समय इलाज ना मिले तो पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है इसलिए शरीर में पानी कमी को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए।

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